आज हम पाठकों को मूल मन्त्र को करने की विधि से परिचय करायेंगे । कि बाबा श्री बटुक भैरवनाथ का जप कैसे करें । मूल मंत्र को सुबह दोपहर, रात्रि और मध्य रात्रि में करना आवश्यक है जिसमें से रात्रि और मध्य रात्रि में करना ज्यादा लाभ प्रद होता है । श्री बटुक भैरव का पूजन एवं जप, पाठ करने वाले उपासक का मुख दक्षिणाभिमुख होना चाहिए । जप के समय एक दीपक प्रज्वलित करके रखना चाहिए । उसका मुख भी दक्षिणाभिमुख रहे । साधक को काला या लाल वस्त्र ही धारण करना चाहिये पूजन के समय और इस प्रकार का वस्त्र धारण करें कि पैर बंधे न रहे , जैसे - लोवर, पैंट, पैजामा, सलवार ऐसे वस्त्र पहन के साधना पे न बैठें यदि बाहर है बस, ट्रेन या अन्यत्र जहाँ लुंगी, धोती, साड़ी , घाँघरा नहीं धारण किया जा सकता तक के लिए कोई बात नही पर अधिक से अधिक प्रयत्न करें कि उचित वस्त्र में पूजन करें । श्री बटुकनाथ की साधना एकान्त में करनी चाहिए । आसन का रंग लाल या काला हो और सबसे अच्छा की आसन में कई रंग हो , बाबा के मन्त्रों का जप रुद्राक्ष या काले हकीक से ही करें । जो लोग मूर्ति पे या मन्दिर में पूजन करते है वो ठीक है पर जो चित्र पे करते है वो ध्यान रखें चित्र किसी पीठ का होना चाहिए । वैसे साधना कहीं वीराने या श्मशान में कर रहे तो चित्र या मूर्ति की जरूरत नहीं। केवड़ा का प्रयोग जिन सामग्री में हुआ हो ऐसी चीज या उसका पुष्प बाबा से दूर रखना चाहिए इन्हें नहीं पसन्द है । पुष्प में नीला लाल ज्यादा पसन्द है। फल में अनार बहुत भाता है वैसे कोई भी ऋतु फल बाबा को चढ़ा सकते है । बाबा का पूजन बच्चों की सेवा की तरह भाव रख के करना चाहिए। फीका भोजन तन्त्र साधना में भोग नहीं लगता लहसुन, प्याज, गाजर, चुकंदर इन सब प्रयोग कर सकते है ,, मदिरा अपनी छमता ( कमाई के आधार पे ) के अनुसार भोग लगानी चाहिए, कुछ वैष्णों साधक भी बाबा की उपासना करते है तो वो लोग तामसी चीजों का भोग नहीं लगायेंगे तो भी कोई बात नही सात्विक भोजन का भोग लगा सकते है ,, मदिरा के स्थान पे खीर का भोग लगायें (पर यह ध्यान रहे इससे सिद्धि का मार्ग प्रसस्त नही हो पाता, सात्विक मार्ग का पूजन केवल अपनी पूजा की रक्षा या प्रेत बाधा से बचने के लिए आप प्रयोग कर सकते है पर कोई अर्जी नही रख सकते ) जो साधक बटुक साधना में नवीन है । वो सर्व प्रथम सवालक्ष जप कर हवन करें ,सवालाख जप 21 दिन के अंदर पूरा करना है अधिक अच्छा हो कि आप एक लाख चालीस हजार जप करें जिससे यदि हवन कम भी करेंगे तो कोई दिक्कत नहीं होगी , क्यों कि सवा लाख जप का दशांश हवन करना होगा अब दशांश देखें तो दस हजार दो सौ पचास हुआ इस लिए एक लाख चालीस हजार जप करें,, अब आप सोचेंगे की 21दिन में कैसे होगा तो हम बता दें कई लोग हमारे पास है जो 15 दिन में हवन भी कर चुके है ।हवन का विवरण पहले दे चुका हूँ या जिसको चाहिए होगा वो पूंछ लेगा और किस दिन हवन पड़ रही वो दिन भी बतायेगा तो मैं उस दिन के आधार पे हवन सामग्री भेज दूंगा । जिनके पास समय नहीं है अनुष्ठान उठाने के लिये वो प्रतिदिन 11 माला, 5 माला या 3 माला जरूर करें । उसके बाद ही बटुक साधना में आप प्रवेश कर पायेंगे। स्त्रियों के लिये यह नियम है कि मासिक धर्म के समय 5 दिन पूजन न करे । अपनी माला और आसन को स्पर्श न करें । उस दौरान पूजन का क्रम ये है कि कही भी अकेले बैठ के मानसिक जाप या पाठ करें मुह से उच्चारण न करें ।
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संक्षिप्त में जप पूजन क्रम :-
1 - सर्व प्रथम आचमनी करें , ध्यान रहे मूल मंत्र से ही तीन बार आचमनी करनी है ।
2 - हाँथ में जल लेकर 11 बार मूल मंत्र पढ़ के चारो तरफ बंधन करें।
3 - फिर ध्यान करें -
करकलितकपालः कुण्डली दण्डपाणि-
स्तरुणतिमिरनीलो व्यालयज्ञोपवीती ।
क्रतुसमय सपर्याविघ्नविच्छित्ति हेतुर्जयति -
बटुकनाथः सिद्धिदः साधकानाम् ।।
मूल मन्त्र -
ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ॐ नमः शिवाय
विशेष - यह मंत्र आपको प्रत्येक स्थान पे बिना ॐ नमः शिवाय के मिलेगा पर हमारा अपना खुद का अनुभव है कि इससे मंत्र में और शक्ति आ विस्तार हो जाता है । यह बाध्य नहीं है जैसा आपको उचित लगे करें ।। किसी भी प्रकार की शंका होने पर टिप्पड़ी या संदेश भेज सकते है । जय बटुकनाथ ।
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