गुप्त साधना pret sadhna 1
साधनाओं की दुनियाँ बहुत बड़ी है हम जितना गहराई में प्रवेश करें उतना ही अलग अनुभव प्राप्त होगा साधनायें हर धर्म में है पर उनकी कार्य शैली में परिवर्तन होता है साधारण गृहस्थ व्यक्ति देवी देवताओं को ही जानता है कथाओं के आधार पे जानता है की हनुमान जी ऐसे थे दुर्गा जी ऐसी थी शंकर भगवान ऐसे थे पर इन सबसे हट के मैं आपको एक नई दिशा दिखता हूँ कुछ महानुभाव हो सकता है, परिचित भी हो पर सम्यक जानकारी न हो कुछ लोग कई ऐसे बाबा या व्यक्ति से मिलते है जो उनके जीवन में होने वाली बीती बातों को बता देते है कि आपका नाम क्या है आपके घर के सदस्यों का क्या नाम है आप क्या करते है कहाँ से आ रहे आदि आदि और इन्ही सब चमत्कार को देख कितने लोग इस गुप्त विद्या प्राप्त करने के लिए इस दिशा में निकल पड़ते है और कुछ प्राप्त नहीं होता क्यों की ये एक अलग मार्ग है या कहें तो अलग दुनिया है जहाँ आप प्रवेश कर रहे साधना के साथ साथ आप सब छोड़ के दूसरी दुनियां में प्रवेश कर रहे ये साधनायें आनंद भी देती है यदि प्राप्त हो जायें तो किन्तु त्रुटि या होने के बाद गलती हो जाये तो व्यक्ति का जीना हराम कर देती है गृहस्थ व्यक्ति को तो और बचा के चलना पड़ता है नहीं तो घर में अप्रिय घटना होने लगती है वो समझ नहीं पाता ये क्यों हो रही और उस साधना के मार्ग पे अग्रसर रहता है ये साधनायें मृत्योपरान्त प्रेत योनि को ही देती है क्यों की ये प्रेत साधना होती है इसमें प्रमुख होती है यक्षिणी साधना, परी साधना,कर्णपिशाचिनी साधना, चेटिका साधना, पारिजात साधना, भूतिनी साधना, नागिनी साधना आदि और कुछ लोग किसी मृत व्यक्ति की आत्मा को जागृत करते है वह भी इसी प्रकार कार्य करता है , इन साधनाओं में सुरु में अहसास होता है कि कोई मेरे साथ है फिर अजीब अजीब आवाज सुनाई देगी और सबसे चकित करने वाली बात वह आवाज किसी और को सुनाई नहीं देगी यदि वह साधक किसी निशा काल के देवी देवता का साधक है तो ठीक है नहीं तो पागल हो सकता है या कोई अप्रिय घटना घट सकती है, इन साधनाओं में सबसे प्रसिद्ध कर्णपिशाचिनी साधना है ये एक माता की भक्त होती है जो की मृत्यु के बाद अपने आपको माता तुल्य समझने लगती है और इनमें शक्ति भी होती है ये बीत चुकी (भूतकाल) की , वर्तमान की बातों को साधक के कान में बता देती है और जब इनकी साधना कोई करता है तो इनकी शक्ति बढ़ने लगती है और साधक जहाँ साधना करता है उसके करीब में जो इस प्रकार की शक्ति होती है वह साधक के करीब आने लगती है पर इनके साथ एक हजार सामान्य प्रेत का समूह चलता है "ऐसा भूत डामर तंत्र में भी वर्णित है " ये प्रेत साधना में अवरोध डालते है और वह साधक जो इन्हें पूजन में समर्पित करता है उसे ये खाते है इससे आपकी साधना पूरी नहीं होती इस लिए किसी देवी देवता की शक्ति जरुरी है इस साधना के लिए नहीं तो आप संकट में पड़ सकते है बिना गुरु के इन साधनाओं के चक्रव्यूह में न फंसे अन्यथा घर परिवार सब नष्ट हो जायेगा
ये साधनायें श्मशान के द्वारा ही सिद्ध होती है कुछ साधकों से मैं श्मशान पे मिला तो वो नेट पे पड़े मन्त्र के आधार पे साधना कर रहे तो ये और बड़ी गलती है नेट पे या पुस्तक पढ़ के साधना की दुनिया में न प्रवेश न करे पुस्तक लिखने वाला साधक नहीं होता वह संग्रह कर्ता होता है इसमें अनुभव पूर्ण व्यक्ति की आवश्यक्ता होती है जो उचित मार्ग दर्शन दे सके , और सबसे मन भावक एक बात मैंने देखा है रास्ते या ट्रेन पे मिले बाबा या साधू से कुछ लोग साधना के बारे में बात करते है या पैसे के चक्कर में बाबा से कहते है की कोई मन्त्र बताइये जिससे उस मन्त्र को करूँ और धनवान बन जाऊं और वो औघड़ बाबा इस प्रकार के मन्त्र दे देता है, लालच वस व्यक्ति उसे कर बैठता है तो ये शक्तियाँ सिद्ध हो जाती है क्यों की देवी देवताओं के द्वारा जो सिद्ध करता है उसके ये वस् में होती है अपितु जो केवल इन्हें ही सिद्ध करता है अंतर ये होता है कि सिद्ध तो होती है पर व्यक्ति को अपना पति मान लेती है तब वह किसी भी स्त्री से नहीं मिल सकता उसकी जिंदगी बर्बाद कर देती है , यदि ऐसा कोई व्यक्ति फंसा है तो श्री बटुक भैरव के अष्टोत्तर सत्नाम का 51 पाठ चालू कर दे सब ठीक हो जायेगा ।
Secret Sadhana:
The world of Sadhana is very vast, the deeper we enter in it, the intense blissful sensation we have. Sadhana is in every religion but the ways of doing it are different. Normal human being only knows about the different types of Gods: Shiva & Hanuman were like this Goddess Durga was like that but apart from all these I will show you all a new direction, although some people might be aware of it but they would not have the complete knowledge.
In the journey of one's life few people come across someone who tell them about their past like what is their name, name of their family members, what is their profession, where did they come from and much more. After seeing such a miracle most people start doing a sadhana and avail nothing. This is because it is a completely different path or more correctly a complete different world and when you enter in this world you have to leave everything. These sadhanas offer Bliss if one attains Siddhi as well as curse if one does a mistake. The curse may even not allow one to live. People living with their families and doing such Sadhana should be more careful, these sadhanas effect the family members too, the family often stucks with misfortunes and one has no idea why it is happening and continues doing it. Since these are the Sadhanas of Ghost after death the person doing them attains hell or mrityu lok. The main forms of Ghost(Pret) sadhana are Yakshini Sadhana, Pari Sadhana, Karnpisachini Sadhana, Chetika Sadhana, Paarijat Sahana, Naagini Sadhana, Bhootni Sadhana etc and some people do Sadhana of some dead ones to enliven their spirits, this also comes under Ghost Sadhan and is performed in same way. At the begining of these Sadhanas one feels that someone is with you and then you will hear some unpleasant noise which no body else does. If the person is doing the Sadhana of the God or Goddess which are worshiped at night and hear such noise then its fine but if he is doing the one of Spirits then one can become mad or he would end up with a misfortune. Among the ghost Sadhana the famous one is the Karnpisachini Sadhana it comprises the worshiping of the spirits of devotee of Goddess and such spirits consider themselves Goddess after death. They have the powers to tell about anyone's past and present and they do it by telling the sadhak in his ear, and if one worships them, their power increases. When one does this Sadhana then all such Spirits of the devotee of Goddess near to the place where he does his sadhana come close to sadhak. Along with them comes 1000 similar ghosts or spirits near to that Sadhak. Such community of Ghosts are also mentioned in Tantra and they cause hindrance in Sadhana. The food that one offers in such Sadhana are eaten up by these ghost, but merely worshiping ghost can't bring the Siddhi, one also needs to worship the related Gods along with them. But without a guru one shouldn't try these Sadhanas else one would come in trouble and even the family gets destroyed.
These Sadhanas can only be attained on cremation ground. When I met with some such people on Cremation ground then they were doing these Sadhanas after reading on net but it is another big mistake Sadhana should never be done after reading on net or books because the person who writes book is not a Sadhak hence it requires a person who has done it pratically and guides you to the right path. One of the most interesting thing which i have seen is that some people meet a Baba or Sadhu on their way in train or bus then out of greed they ask them to give a Mantra which could make them rich and that Aghori baba gives a mantra after doing which one attains Siddhi and becomes rich. This is because many such spirits are under these Aghories who have worshiped God. But the difference is that if one worships only Spirits then although they get siddhi but the spirits considering Sadhak as their husband and don't allow him to get in touch with any woman. If any of the readers are trapped in it then you should start God Batuk Bhairava's Ashtottarsatnam 51 path daily and you would be free from such powers.
Nice article
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