रक्षा बन्धन
भाई बहन का मुख्य पर्व रक्षा बन्धन ७ अगस्त २०१७ को है ।
प्रातः १०:३० तक भद्रा है वैसे चन्द्रमा मकर राशि में है तो भद्रा स्वर्ग में है, तो ये भद्रा हानि कारक नहीं है । इस लिए यदि आप १०:३० के पहले भी बांधते है तो भी कोई हानि नहीं परंतु अपराह्न १४:४५ तक रक्षा बन्धन का कार्य सम्पन्न कर ले । क्यों कि अपराह्न १४:५३ पे चन्द्र ग्रहण का सूदक लग जायेगा ।
चन्द्र ग्रहण -
७ अगस्त २०१७ की रात्रि में लगने वाला ये चन्द्र ग्रहण साधको के लिए खास है । चूणामणि योग है इस ग्रहण में , ग्रहण से पहले अपने मंत्र को अधिक से अधिक जाप करें १ दिन पहले से ही संकल्प लेकर ग्रहण की अवधि तक एक निश्चित संख्या को पूरा करें और ग्रहण लगने पे स्नान करके बैठ जायें देव मूर्ति को ग्रहण काल में स्पर्श न करें ग्रहण काल में कुछ खाना पीना नहीं चाहिए , रोगी, शिशु के लिए छूट है । कुछ लोगों को हमने देखा है सूतक काल से ही मन्दिर बन्द कर देते है मूर्ति नहीं छूते ऐसा कोई विधान नहीं है सूतक काल में ऐसा कोई प्राविधान नही है । मात्र ग्रहण काल में ऐसा करना चाहिए सूतक काल में जप का अर्ध फल होता है इस लिए उस समय से बैठ जाना चाहिए । ग्रहण के अंतिम क्षण में हवन करें स्नान फिर चन्द्र अर्घ दें इससे आपकी मंत्र साधना का ग्रहण चरण पूर्ण होगा।
ग्रहण काल - स्पर्श - २२:५३, मध्य २३:५०, मोक्ष २४:४८,
द्वादश राशि पर ग्रहण का प्रभाव -
१ मेष - सुखम्, २ वृष - माननाश ,३ मिथुन - मृत्यु तुल्य कष्ट , ४ कर्क - स्त्रीपीड़ा, ५ सिंह - सौख्य, ६ कन्या - चिन्ता, ७ तुला - व्यथा, ८ वृश्चिक - श्री:, ९ धनु - क्षति , १० मकर - घात, ११ कुम्भ - हानि, १२ मीन - लाभ ।
Saturday, 5 August 2017
7/08/2017 रक्षा बन्धन/ चन्द्र ग्रहण
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment