Saturday, 26 August 2017

श्री बटुकभैरवनाथ से ज्यादा दयालु कोई नही

भगवान् बटुक भैरव की पूजा स्वयं में एक ऐसी साधना है जो कि आपकी कुण्डली का भाग्य या ब्रह्माण्ड में आपसे कोई कुपित हो या रुष्ट हो आपका कोई बाल बाका नहीं कर सकता है। बाबा की साधना कल्पवृक्ष के समान है ,जो आप कल्पना करते हो वह सब बाबा की सेवा और साधना से प्राप्त हो जाती है । इस बात में कोई संदेह नही है ! बस ध्यान इस बात का रखना पड़ता है कि श्री बटुक साधना के साथ कोई साधना नहीं की जाती जैसे एक पत्नी के लिए उसका पति ही सबकुछ है उसी भाँति हमें अपने दिल दिमांक में बाबा को ही रखना है। किन्तु वह पत्नी किसी का अपमान नही करती पूरे घर का सम्मान करती है । ठीक उसी प्रकार हमें किसी भी देवी देवता का अपमान नहीं करना पर दिल दिमांक में अपने बटुकनाथ को रखना है। श्याम शलोना सुन्दर सा मुखड़ा नटखट चितचोर पांव में घुंघुरू, कानों में कुण्डल , कमर में नाग की करधनी, त्रिनेत्रधारी, गले में रुद्राक्ष माला, एक हाँथ में मदिरा से भरा खप्पर और एक हाँथ में दण्ड लिए  ऐसा सुन्दर सा रूप जिसकी एक नही 10 महाविद्या 64 योगिनियां जिसकी मां है । जिसके साथ रहती है ! कुत्तो के साथ खेलते है ऐसे मनोहारी रूप को कुछ लोग कहते है बहुत क्रोधी देवता है ये उनकी भूल है । मैं आपको बता दूं कि मेरे बाबा जैसा कोई देवता नहीं साक्षात शिव के इस बाल रूप को मैं क्रोधी नहीं मानता हाँ यदि अपने भक्त की रक्षा करना और उसके शत्रुओं का नष्ट करना क्रोध है तो मेरे बाबा  बटुकनाथ से ज्यादा क्रोधी कोई नहीं है। अपने भक्त पर बाबा कभी क्रोधित नही होते है । हाँ बालक रूप है इस लिए कुछ नियम जरूर है । जैसे पूजा में कभी नागा न हो जो भी खायें उससे पहले बाबा स्मरण जरूर करें । आप रेलगाड़ी में हो या किसी भी यात्रा वाहन पे हो जाप और बाबा का स्मरण रात्रि काल में जरूर करें, फिर बाबा की माया आप पर सदैव बनी रहेगी। अब आपके दिमांक में होगा कि यात्रा में स्नान कैसे होगा तो सर्व प्रथम अपनी शुद्धता को देखें यदि आप मल मूत्र का त्याग करने के बाद स्नान नहीं किये तो सम्भव प्रयास करें कि कमर से स्नान कर लें वस्त्र बदल कर जाप करें।
यदि ये सम्भव न हो तो बटुक साधक को 2 माला रखनी चाहिए एक रुद्राक्ष और एक काला हकीक , शुद्ध की अवस्था में रुद्राक्ष से स्वच्छ न होने की स्थिति में हकीक से । स्त्रियों को मासिक धर्म के समय 5 दिन पूजा नही करनी चाहिए परन्तु जो बटुक साधिका हो वो उस समय में बिना माला के बिना मुह से बोले मन मे बाबा के मन्त्र का चिंतन करें । बाबा मेरे बहुत भोले और दयालु है , मैंने ऊपर कहा कि कल्प वृक्ष के समान है पर एक स्थान ऐसा आता है जहाँ कल्प वृक्ष भी छोटा पड़ जाता है । वो है मोक्ष की प्राप्ति कल्पवृक्ष मोक्ष नहीं दे सकता और बटुकनाथ की साधना से आप मृत्यु के बाद मोक्ष को भी प्राप्त कर सकते है । किसी भी प्रकार की श्री बटुक भैरव साधना से सम्बन्धित जानकारी के लिए , ईमेल या टिप्पड़ी (कमेंट) कर सकते है । जय बटुकभैरवनाथ

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